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चुनाव आयोग का बड़ा बयान: ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित

भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर सभी विवादों पर विराम लगाने की कोशिश की है। 

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चुनाव आयुक्त (Election Commissioner) ने साफ‌ किया है कि ईवीएम में कोई खामी नहीं है और भारत अब पेपर बैलेट (Paper Ballot) पर वापस नहीं जाएगा।

"हमने ईवीएम की विश्वसनीयता साबित करने के लिए हरसंभव कदम उठाए हैं। इसे पूरी तरह पारदर्शी और सुरक्षित बनाया गया है," चुनाव आयुक्त ने कहा। 

उन्होंने आगे बताया कि ईवीएम को पेपर ट्रेल (Voter Verified Paper Audit Trail - VVPAT) के साथ जोड़ा गया है ताकि हर वोटर अपने वोट का सत्यापन कर सके।


EVM: भारत की चुनाव प्रक्रिया का मजबूत आधार

चुनाव आयुक्त ने यह भी बताया कि ईवीएम के उपयोग से भारत की चुनाव प्रक्रिया (Electoral Process) अधिक कुशल और तेज हुई है।

  1. भ्रष्टाचार पर लगाम: चुनाव आयुक्त के अनुसार, "ईवीएम ने चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाई है और बैलेट बॉक्स में हेराफेरी जैसी समस्याओं को खत्म किया है।"

  2. पर्यावरण के अनुकूल: पेपर बैलेट के मुकाबले ईवीएम अधिक पर्यावरण के अनुकूल हैं। "पेपर बैलेट के उपयोग से हर चुनाव में लाखों टन कागज की आवश्यकता होती थी," उन्होंने जोड़ा।

  3. तेजी और दक्षता: ईवीएम की गिनती में समय की बचत होती है। जहां पेपर बैलेट की गिनती में कई दिन लग जाते थे, वहीं ईवीएम की गिनती कुछ ही घंटों में पूरी हो जाती है।


विवाद और आलोचनाएं: क्या हैं मुख्य चिंताएं?

हालांकि, ईवीएम को लेकर कई बार विवाद खड़े हुए हैं। कुछ राजनीतिक दल और कार्यकर्ता इस पर सवाल उठाते रहे हैं कि क्या ईवीएम से छेड़छाड़ (Tampering) संभव है। 

चुनाव आयुक्त ने इन चिंताओं को पूरी तरह निराधार बताते हुए कहा कि "ईवीएम को डिज़ाइन करते समय इसकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है।" उन्होंने निम्नलिखित बिंदुओं पर जोर दिया:

  • स्टैंडअलोन सिस्टम: ईवीएम इंटरनेट से जुड़ी नहीं होती, जिससे हैकिंग की संभावना खत्म हो जाती है।

  • वोटर वेरिफिकेशन: VVPAT की व्यवस्था हर वोट को सत्यापित करने की अनुमति देती है।

  • स्ट्रॉन्ग सुरक्षा: ईवीएम को स्टेटिक और डायनेमिक सुरक्षा जांचों से गुजारा जाता है।


क्यों नहीं लौट सकते पेपर बैलेट पर?

चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब पेपर बैलेट की ओर वापस नहीं लौट सकता। इसके मुख्य कारण इस प्रकार हैं:

  1. समय और संसाधन: चुनाव आयुक्त ने बताया कि पेपर बैलेट से चुनाव प्रक्रिया धीमी और महंगी हो जाएगी। "इतने बड़े देश में, पेपर बैलेट का प्रबंधन करना असंभव है।"

  2. धांधली की संभावना: पेपर बैलेट में हेराफेरी और फर्जी मतदान की अधिक संभावना रहती है।

  3. लॉजिस्टिक चुनौतियां: भारत जैसे बड़े और विविधतापूर्ण देश में पेपर बैलेट के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है।


EVM के समर्थन में तकनीकी तथ्य

  1. टेस्टिंग प्रक्रिया: चुनाव से पहले हर ईवीएम की टेस्टिंग की जाती है।

  2. तीन स्तरों की सुरक्षा: EVMs को कई स्तरों की सुरक्षा में रखा जाता है।

  3. पब्लिक डेमॉन्स्ट्रेशन: EVM की कार्यप्रणाली जनता और राजनीतिक दलों को दिखाने के लिए नियमित डेमॉन्स्ट्रेशन किए जाते हैं।


भविष्य की योजनाएं और सुधार

चुनाव आयोग ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में ईवीएम को और अधिक उन्नत (Advanced) बनाया जाएगा। नई तकनीकों का उपयोग कर ईवीएम को और पारदर्शी और सुरक्षित किया जाएगा।

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